
हाल ही में देश के जाने-माने दो प्रमुख औद्योगिक संगठन फिक्की और सीआईआई ने भारत सरकार से सिगरेट के डिब्बों पर 85 प्रतिशत सचित्र चेतावनी के तरीको पर नरमी के साथ प्रवाधान अपनाने की सिफारिश की है। वही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को सीआईआई द्वारा लिखे गये अपने पत्र में कहा कि मार्च में इस वर्ष संसदीय समिति ने सिगरेट बनाने वाली कम्पनियो को उनके डिब्बों के आगे व पीछे दोनों तरफ 50 फीसदी जगह पर सचित्र चेतावनी देने की गुजारिश की है।
हालांकि सरकार से दोनों औद्योगिक संगठनों ने इस रिपोर्ट का ख्याल रखते हुए सिगरेट के डिब्बों पर सचित्र चेतावनी के सम्बन्ध में सरकार को अपने निर्णय पर दुबारा विचार करने को कहा है। इस मामले में औद्योगिक संगठनों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा है। दरअसल औद्योगिक संगठनों का यह मानना है कि चेतावनी के नियम अधिक कड़े होने पर अवैध और घटिया किस्म के सिगरेट का कारोबार बाजार में और तेजी से बढ़ेगा।
सीआईआई ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री से कहा है कि देश में पहले से ही बिकने वाले 89 प्रतिशत सिगरेटो का उत्पाद अवैध ढंग से किया जाता हैं। इसके लिए सरकार को पहले अवैध कारोबार तथा विनिर्माण रोकने के तरिके अपनाना चाहिये तथा उसके पश्चात् परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित नियामकों का प्रावधान करना चाहिये।
85 प्रतिशत सिगरेट पर वैधानिक सचित्र चेतावनी अनिवार्य है –
सीआईआई द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि देश में अवैध ढंग विनिर्मित किये गये देसी तथा विदेशी सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी बहुत कम होती है या बिल्कुल ही नहीं होती है। जिससे सिगरेट का सेवन करने वाले लोग भ्रमवश इन्हें सुरक्षित मान लेते हैं। इसके साथ ही सीआईआई ने ये भी कहा है कि दुनिया के 90 प्रतिशत तंबाकू का सम्मिलित रूप से उत्पादन करने वाले पांच देशों में अमेरिका, चीन, ब्राजील, मालावी और जिम्बावे में औसतन 20 प्रतिशत सचित्र चेतावनी है जबकि उसमे वैश्विक औसत 31 प्रतिशत का है। दरअसल औद्योगिक संगठनों के अनुसार 1 अप्रैल 2016 से सरकारी अधिसूचना के मुताबिक 85 प्रतिशत वैधानिक सचित्र चेतावनी अनिवार्य करने से बहुत-सी सिगरेट बनाने वाली कंपनियों को उत्पादन बंद करना पड़ा है इनमे से 4 मई को देश की सबसे बड़ी सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी ने अपना व्यपार बंद करना पड़ा था, हालांकि उसने 8 मई से दोबारा अपना व्यपार आरम्भ कर दिया है।