पुरातन काल से ही भारत में तुलसी के औषधीय गुणों को अत्याधिक महत्ता दी जाती है। जानिए ऐसे ही कुछ गुणों के बारे में जो हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है। तुलसी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य से जुड़े लाभ भी हैं। कई वैज्ञानिक शोध तुलसी में उपस्थित गुणों की पुष्टि करते हैं। भारत में पुरातन काल से ही तुलसी के औषधीय गुणों समझते है। हम आपको ऐसे ही कुछ गुणों के बारे में बतायेगे जिनसे आप वंचित होंगे।
आंखो की समस्या
आंखों में होने वाली समस्या ‘विटामिन ए’ की कमी से होती है। तुलसी का रस आंखों की समस्याओं में काफी फायदेमंद साबित होता है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर सिद्ध होता है। रात को नियमित रूप से श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए। हालांकि, आपको यह सलाह दी जाती है कि इस उपाय को आजमाने से पहले अपने नेत्र चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।
खांसी–जुकाम में आराम
कफ साफ करने के लिए तुलसी की पत्तियां कारगर साबित होती हैं। तुलसी की मुलायम पत्तियों को अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। तुलसी को चाय की पत्तियों के साथ उबालकर पीने से गले की खराश ख़त्म हो जाती है।
तनाव को दूर करना
तनावरोधी गुण भी तुलसी में पाए जाते हैं। कई शोधकर्ता तनाव में तुलसी के लाभ के बारे में पुष्टि कर चुके हैं। हर रोज़ तुलसी के 10-12 पत्तों का सेवन करने से मानसिक दक्षता और तनाव से लड़ने की आपकी क्षमता में वृद्धि होती है।
चेहरे की चमक को बढ़ने में
तुलसी में ‘थाइमोल’ तत्व शामिल होता है, जो त्वचा सम्बन्धी रोगों को दूर करने में मददगार सिद्ध होता है। तुलसी और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां व फुंसियां की समस्या ठीक होती हैं। और साथ ही चेहरे की चमक बढती है।
सिरदर्द में मिले राहत
तुलसी का काढ़ा पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है। तुलसी के पत्तों के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर हर रोज़ सुबह शाम पीने से 15 दिनों में अर्द्धकपाली जैसे बीमारी में लाभ मिलता है।
साँस की परेशानी नहीं होगी
साँस संबंधी समस्याओं का उपचार करने के लिए तुलसी काफी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी से आराम मिलता है।
दस्त और उल्टी से राहत
तुलसी के पत्तों, छोटी इलायची और अदरक का रस को समान मात्रा में मिलाकर लेने से उल्टी नहीं होती। दस्त लगने पर तुलसी के पत्ते के साथ भुने जीरे को मिलाकर शहद के साथ दिन में तीन बार चाटने से आराम मिलता है।
किडनी फिट रहेगी
तुलसी का सेवन किडनी को मजबूत बनाती है। किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर उसका अर्क बना लें। इस अर्क को शहद के साथ नियमित 6 महीने तक सेवन करने से किडनी की पथरी यूरीन मार्ग से बाहर निकल जाती है।
कान बीमारी दूर करे
कान से जुडी कई समस्याओं जैसे कान बहना, दर्द होना और कम सुनाई देना आदि में तुलसी बहुत ही लाभदायक होती है। तुलसी के रस में कपूर को मिलाकर उसे हल्का गर्म करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है। कनपटी के दर्द में तुलसी की पत्तियों का रस मलने से बहुत फ़ायदा होता है।