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आतंकियों से लड़कर शहीद हुई थीं 23 वर्षीय नीरजा

एयर होस्टेस नीरजा भनोट की बायोपिक पर बनी फिल्म 19 फरवरी को रिलीज हो रही है, जिसमें अभिनेत्री सोनम कपूर ने नीरजा का किरदार निभाया है। आपको बता दें कि नीरजा भनोट Pan Am 73 में सीनियर फ्लाइट पर्सर थीं। उन्होंने हमेशा की तरह 5 सितंबर 1986 को फ्लाइट का अनाउंसमेंट किया था। हलांकि यह अनाउंसमेंट उनके जीवन का आखिरी अनाउंसमेंट बन गया। नीरजा 23 वर्ष में आतंकियों से लड़ी और शहीद हो गई– इस फ्लाइट को चार फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने 5 सितंबर 1986 को ही हाईजैक कर लिया था और 23 वर्षीय नीरजा भनोट ने अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए 359 जानें बचाई थी। हालांकि, इस दौरान आतंकवादियों ने नीरजा की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। नीरजा को सबसे कम उम्र में अशोक चक्र अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था – पंजाब, चंडीगढ़ में 7 सितंबर 1963 को जन्मी नीरजा भनोट की हत्या के बाद उन्हें कई वीरता अवॉर्ड से समम किय गया था। भारत की ओर से इनमें उन्हें ‘अशोक चक्र’ पुरस्कार भी दिया गया। इतनी कम उम्र में अर्थात् 23 वर्ष की उम्र पहले कभी किसी को ‘अशोक चक्र’ पुरस्कार नहीं मिला था। पाकिस्तान की ओर से नीरजा भनोट को भी तमगा- ए- इंसानियत पुरस्कार दिया गया था। साथ ही साल 2005 में अमेरिका की ओर से उन्हें जस्टिस फॉर क्राइम आवार्ड दिया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीरजा का नाम हीरोइन ऑफ हाईजैक के तौर पर मशहूर है।

एयर होस्टेस नीरजा भनोट की बायोपिक पर बनी फिल्म 19 फरवरी को रिलीज हो रही है, जिसमें अभिनेत्री सोनम कपूर ने नीरजा का किरदार निभाया है। आपको बता दें कि नीरजा भनोट Pan Am 73 में सीनियर फ्लाइट पर्सर थीं। उन्होंने हमेशा की तरह 5 सितंबर 1986 को फ्लाइट का अनाउंसमेंट किया था। हलांकि यह अनाउंसमेंट उनके जीवन का आखिरी अनाउंसमेंट बन गया।

नीरजा 23 वर्ष में आतंकियों से लड़ी और शहीद हो गई– इस फ्लाइट को चार फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने 5 सितंबर 1986 को ही हाईजैक कर लिया था और 23 वर्षीय नीरजा भनोट ने अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए 359 जानें बचाई थी। हालांकि, इस दौरान आतंकवादियों ने नीरजा की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।

नीरजा को सबसे कम उम्र में अशोक चक्र अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था – पंजाब, चंडीगढ़ में 7 सितंबर 1963 को जन्मी नीरजा भनोट की हत्या के बाद उन्हें कई वीरता अवॉर्ड से समम किय गया था। भारत की ओर से इनमें उन्हें ‘अशोक चक्र’ पुरस्कार भी दिया गया। इतनी कम उम्र में अर्थात् 23 वर्ष की उम्र पहले कभी किसी को ‘अशोक चक्र’ पुरस्कार नहीं मिला था। पाकिस्तान की ओर से नीरजा भनोट को भी तमगा- ए- इंसानियत पुरस्कार दिया गया था। साथ ही साल 2005 में अमेरिका की ओर से उन्हें जस्टिस फॉर क्राइम आवार्ड दिया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीरजा का नाम हीरोइन ऑफ हाईजैक के तौर पर मशहूर है।

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