वैज्ञानिकों का कहना है मार्केट में साल 2020 तक ऐसी दवा आ जाएगी जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटकर व्यक्ति को फिर से जवान बना देगी। 2 बायॉटेक फर्म के साथ काम कर रहे शोधकर्ताओं ने उम्मीद की है कि अगले 6 महीने में क्लिनिकल ट्रायल पेशंट्स पर इन दवाओं की ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगी। शुरुआती एक्सपेरिमेंट्स में ड्रग निकटिनामाइड मॉनन्यूक्लियोटाइड (NMN) का बूढ़े हो रहे चूहे पर परीक्षण किया गया था जिसका चूहे पर अच्छा असर दिखा और वह फिर से जवान हो गया।
डेली मिरर में छपी रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स और यूस के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रमुख वैज्ञानिक प्रफेसर डेविड सिनक्लेयर ने कहा, “महज एक सप्ताह के ट्रीटमेंट के बाद ही बूढ़े चूहे की कोशिकाएं, जवान चूहे की कोशिकाओं से अलग नहीं थी। हम एक सुरक्षित और असरदार ऐंटी एजिंग ड्रग बनाने के बेहद करीब पहुंच चुके हैं और अगर सभी ट्रायल्स सही तरीके से हो जाते हैं तो 3 से 5 साल के अंदर में यह दवा मार्केट में आ जाएगी।” NMN, NAD+ यानी निकटिनामाइड ऐडनीन डिनोक्लियोटाइड के लेवल को बूस्ट करता है जो इस केमिकल का ऑक्सिडाइज्ड फॉर्म है और प्राकृतिक तौर पर हर शरीर की कोशिकाओं में मौजूद रहता है और DNA रिपेयर को कंट्रोल करने वाले प्रोटीन की परस्पर क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
ऐसा माना जाता है कि DNA को होने वाला संचित नुकसान ही प्राकृतिक तौर पर बूढ़े होने और कैंसर का प्रमुख कारण है। NAD+ जो जरूरी प्रोटीन को मदद करने वाला एक हेल्पर केमिकल है वह शरीर में उम्र बढ़ने के साथ घटता जाता है। ऐंटी एजिंग सामग्री में इस केमिकल की संभावना को देखते हुए हाल के दिनो में NAD+ सप्लिमेंट्स की मौजूदगी ऑनलाइन काफी बढ़ गई है।
हालांकि इस बात के अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं कि इन लो-डोज सप्लिमेंट्स से बूढ़ापे को कितना कंट्रोल किया जा सकता है। जर्नल सायेंस में रिपोर्ट हुई एक रिसर्च में बताया गया कि NAD+ DNA रिपेयर एन्जाइम की एक्टिविटी को बूस्ट करता है जिसे PARP1 कहते हैं। समय के साथ NAD+ के घटते लेवल के साथ डैमेज हो चुके DNA की रिपेयर की क्षमता रखने वाले PARP1 की क्षमता भी घट जाती है।