भागदौड़ भरी आजकल की जिंदगी में तनाव और दुख ने खुशियों के रस्ते पर कब्ज़ा कर रहा है। लेकिन हाल ही में कैलीफॉर्निया विश्वविद्यालय ने उन आसान तरीकों को खोजा गया है जिन्हें आजमा कर कोई भी व्यक्ति कम समय में आसानी से अपना मूड सही कर सकता है। आपको केवल सात दिन तक ही इन बातों को अजमाना है और देखिये कैसा असर अपनी ज़िन्दगी पर पड़ता है। आप पहले दिन अपनी सभी भावनाओं को एक कागज पर उतारें। गुस्सा, खुशी, दुख जो भी हो, उसे एक डायरी में लिख कर बयां कर लेने से मन को बहुत शांति मिलती है। इसके लिए 15 निमट ही बहुत हैं। इस तरह से तनाव, घबराहट दूर होती जाती है और इम्यून सिस्टम सुधरने लगता है।
यह तकनीक चीजें फेंकने, किसी पर चिल्लाने या खुद में गुस्सा दबाए बैठे रहने से काफी बेहतर है। दूसरे दिन आप कुछ ऐसा कम करें जिससे दूसरों को खुशी मिले। अपना प्यार उनपर दर्शाएं। चाहें वो प्यार छोटी छोटी चीजों के जरिए ही क्यों न हो। शोधकर्ता के अनुसार, अन्य लोगो के मुकाबले दयालू लोग ज्यादा खुश रहते हैं। उसके अगले दिन आप उन लोगों के बारे में सोचें और धन्यवाद करें जो आपसे बहुत प्यार करते हैं और आपकी फ़िक्र करते हैं। इस तरफ आपका तनाव भी दूर होता है इसके साथ ही उन लोगों की अहमियत आप अच्छे से समझ पायेगे। अगले दिन कुछ पुरानी तस्वीरों को देखें या घटनाओं को याद करें जो आपको खुशी देती हैं। शोध में कहा गया हैं कि सिर्फ पुरानी तस्वीरों को देखने भर से इंसान यह महसूस कर पाता है कि उसकी जिंदगी के क्या मायने हैं। ऐसा करने से आप आने वाले कल को और तर्कपूर्ण बनाने की कोशिश कर पाते हैं।
प्रकृति की उन चीजों को पांचवे दिन देख कर अचंभित और खुश महसूस करें जो वाकई भगवान या इंसान की बनाई कमाल की वस्तुए है। वो कुछ भी हो सकता है, चाहे वो तारों से भरा आसमान हो या कोई बनी खूबसूरत इमारत हो। इंसान के मन को ऐसा करने से बहुत शांति मिलती है। उसके अगलेदिन आप उन चीजों को छोड़ने की कोशिश करें एक हफ्ते के लिए जिनकी आपको आदत हो चुकी है जैसे कि टीवी, मोबाइल, पसंदीदा खाना आदि। ऐसा करना इसलिए जरुरी है, ताकि जब फिर से आप वो चीजें शुरू करें तो वहीं पहले जैसी खुशी महसूस हो, जो पहली बार की थी। वरना किसी चीज की आदत हो जाने से उसकी अहमियत धीरे धीरे कम हो जाती है। सातवें और आखिरी दिन खुद के लिए प्यार और खुशी महसूस करें। अपनी पुरानी कुछ गलतियों को याद करके पछताने के बजाए अपने अंदर सकारात्मक सोच लाएं और अपना मनोबल बढ़ाएं। ठीक इसी तरह एक सप्ताह पूरा होने के बाद आपको बहुत ख़ुशी महसूस होगी।