वर्तमान समय में अधिकांश परिवारों में परेशानियों की मुख्य वजह यह है कि वहा एक-दूसरे पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसीलिए पति-पत्नी के बीच कलह होता है कि जरूरत के समय वे एक-दूसरे पर ध्यान नहीं दे पाते। बुजूर्ग माता-पिता की भी अपने बच्चों से यही शिकायत होती है। छोटे बच्चे अपनी जिद इस इच्छा के साथ पूरी कराते हैं कि मां-बाप के पास उनके लिए फुर्सत का समय नहीं होता है।
परिवारों में ऐसे आभास होते रहना चाहिए कि सभी सदस्य एक-दूसरे पर पूरा ध्यान दे। धर्म-अध्यात्म में ध्यान पर बहुत ज्यादा बल दिया गया है। ध्यान का अर्थ है वर्तमान पर ध्यान करना। पुरानी सभी बातों को भूलकर और भविष्य की चिंता न करते हुए हमें वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए। जो व्यक्ति वर्तमान पर ध्यान देने की आदत डाल लेंगे, उनके घर-परिवारों में शांति और स्नेह बना रहेगा। वर्तमान समय में एकाग्रता बनाए रखने के लिए हर रोज कुछ समय ध्यान (मेडिटेशन) करना चाहिए। इसके लिए आपको किसी शांत स्थान पर बैठकर आंखें बंद करें और सभी प्रकार के विचारों पर विराम(रोक) लगाने की कोशिश करें। ऐसा करते रहने पर कुछ ही दिनों में एकाग्रता बढ़ने लगेगी और मन को शांति मिलेगी।