विशेष संवाददाता, हाई कोर्ट
पतंगबाजी में उपयोग होने वाले प्लास्टिक, नायलन और चाइनीज मांझे के मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और सिविक बॉडी से कहा है कि वह स्वतंत्रता दिवस को धयान में रखते हुए लोगों के लिए अडवाइजरी जारी करे और लोगो को प्लास्टिक, सीसे वाले धागे व चाइनीज मांझे की खतरनाक और जानलेवा प्रकृति से रूबरू कराए। किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए चीफ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस संगीता ढींगड़ा सहगल की बेंच ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि तमाम अथॉरिटी अडवाइजरी जारी कर इस बात को सुनिश्चित करे।
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट से कहा था कि चाइनीज मांझे से लेकर ऐसे तमाम प्लास्टिक और सीसे वाले मांझे पर बैन लगा देना चाहिए तथा इसके लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तैयार किया गया है और इस मामले में सुझाव मांगा गया है। ड्राफ्ट के अनुसार, नायलन और चाइनीज मांझे से पक्षियों और लोगों को अधिक चोट पहुंचती है। यह मांझे कई बार लोगो को मौत के घाट उतर देते है। त्यौहार के दौरान पतंगबाजी अधिक होती है और इस दौरान लोगो में एक-दूसरे के पतंग को काटने और जीतने की शर्त लगी होती है।
लोग जीतने के लिए पतंगबाजी में प्लास्टिक व चाइनीज मांझे का उपयोग करते है। प्लास्टिक धागे से ड्रेनेज सिस्टम चोक होता है पतंगबाजी दौरान ये मांझे इधर उधर पड़े रह जाते है जिसे कई बार गाय-भैंस भी खा लेती हैं जिससे उन्हें नुकसान होता है। इंसानों, पशुओं और पर्यावरण को सुरक्षित रखने को मद्देनजर रखते हुए चाइनीज मांझे पर बैन किए जाने का फैसला हुआ है।
दिल्ली सरकार से हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन के अवसर पर लोग अधिक मात्रा में पतंगबाजी करते है तथा इस दौरान चीनी मांझे का इस्तेमाल अधिक होता है। जिस कारण घटना कि आशंका बढ़ जाती है जो भी घटनाएं होती हैं, उसे रोकने के लिए क्या सुझाव है? कोर्ट में चीनी मांझे को पूरी तरह से बैन करने की याचिका दायर की गई थी, जिस पर सरकार से जवाब मांगा गया था। याचिका में कहा गया था कि ये चीनी मांझे बहुत धारदार हैं और एक पल में किसी भी आदमी के शरीर तक को काट सकते हैं।