ग्वालियर। फूलबाग परिसर में निर्मित मंदिर में राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित है जो उस समय बहुत रत्न जड़ित बेशकीमती ज्वेलरी पहनते थे। इस मंदिर का निर्माण सिंधिया राजवंश ने कराया था । उनके पूजा के बर्तन खालिस चांदी के थे। जब देश आज़ाद हुआ तो राधा-कृष्ण कि यह ज्वेलरी बैंक के लोकर में बंद कर दी गयी। पर नगर निगम ने 9 साल पहले कोशिश करके हर जन्माष्टमी पर ये ज्वेलरी पहनाना शुरू की। इस ज्वेलरी की कीमत आज के समय में 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। जब ये गहने राधा-कृष्ण को पहनाए जाते हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए कई गार्ड तैनात किए जाते हैं।
केवल ग्वालियर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश से लेकर उत्तर भारत में भी सिंधिया राजवंश ने कई मंदिरों की स्थापना करायी है।
- ग्वालियर के फूलबाग परिसर में बना गोपाल मंदिर एक सदी पुराना है और इसमें विराजे राधा-कृष्ण करोड़ों रुपए की ज्वेलरी पहनते हैं।
- इस ज्वेलरी के निर्माण में शुद्ध गोल्ड के जेवर में हीरा-पन्ना जैसे बेशकीमती रत्न जड़े गए हैं।
- जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण का श्रृंगार करने के लिए इस ज्वेलरी को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से निकालकर गोपाल मंदिर ले जाया जाता है।
भगवान कृष्ण की ज्वेलरी में शामिल है ये
- ज्वेलरी में एक कंठा ( 7 लड़ी वाला), एक कंठा (5 लड़ी वाला), सोने के कंगन के अलावा दो रत्नजड़ित मुकुट शामिल हैं।
- साथ ही 10 चांदी के थाल, प्याले, समयी, फूलदान, प्रसाद पात्र, पायजेब शामिल है। ये ज्वेलरी माणिक, पन्ना, मोती, हीरा आदि बने हैं।
जौहरी ने लगाई थी 50 करोड़ की कीमत
- गोपाल मंदिर मंदिर में राधा-कृष्ण को पहनाये जाने वाले जेवर वैसे तो बहुत अनमोल है, पर फिर भी 8 साल पहले ओमप्रकाश जौहरी ने इनकी कीमत लगाई थी जो 25 करोड़ से ज्यादा थी, जो आज 100 करोड़ रुपए हो सकती है।